मीणा आदिवासी समुदाय में मैनावत/मैणावत गोत्र का निकास गाँव सोरयो(मक्क्नपुर) तह०करोली जिला करोली है को माना जाता है यहाँ से जाकर कसारा, सुनीपुर और कांकरेट बसा सुनिपुर से जाकर मध्यप्रदेश में सुनबई गाँव बसा जहाँ के श्री रामनिवास रावत मंत्री और प्रसिद्द नेता और समाज सेवक हुए जो पांच बार विधानसभाक्षेत्र विजयपुर से विधायक बन चुके | कसारा गाँव में सातल और पातल नाम के दो मीणा मुखिया हुए जिनके पास 800 घुडसवार थे ओर उसके साथ एक डुंडिया मीणा(यह गोत्र करोली से ही निकला है ) सरदार भी था जिसके पास 900 घुडसवार थे यह तीनों मीणा मुखिया मिलकर के चंबल नदी के किनारे कोटा जिला और बुंन्दी जिला की सीमा के पास अपना वर्चस्व रखते थे।ये करोली क्षेत्र से ही आये थे | हाड़ोती में कोटड़ा बसाया | जागा और बाहरोट के कथनानुसार उनको डकेत बताया गया है लेकिन साथ में ही वह सरदार उस समय के राजा जो हाड़ोती के राजा थे उनसे उल्टा कर(बोराई कर) वसूल किया करते थे बदलें में वह राज्य की सीमा रक्षा करते थे।यह सैकड़ों वर्षों पहले की बात है,उसी समय में एक भूंकवाल गोत्र का मुखिया किसी का सताया हुआ या किसी राज परिवार का अपराधी किसी के बताने पर सातल और पातल मैनावत/मेहनावत सरदारों के पास आया इन मीणा सरदारों ने शर्त रखी कि तुमको हमारे साथ एक थाली में खाना खाना पड़ेगा और हम तुमको अपना भाई मानेंगे,साथ में खाना खाया और अपना भाई बनाया और आज भी भूंकवाल गोत्र कोटा जिला में है और आज भी भूंकवाल गोत्र के मीणो और मेहनावत/मैनावत गोत्र के मीणो में बेटी व्यवहार नहीं है। कालांतर में मेहनावतो ने कोटडा नामक गांव बसाया और सैकड़ों वर्षों तक वहां रहें लेकिन किसी कारण से गाँव छोड़ना पड़ा| यह गाँव तीन गांवों में बट गया- चार भाइयो ने गाँव कोटा खुर्द (दो भाई) खेडली(एक भाई) गाँव- ककरावदा नामक गांव बसाया इस तरह से तीन गांवो में बट गये रियासत काल में खेड़ली के मापापटेल (मैणावत) प्रसिद्द मीणा मुखिया थे |कालांतर में सैकड़ों वर्ष खेडली गांव वाला परिवार करीबन 200वर्ष पहले कोटा खुर्द मे आकर बस गया. श्री Jamnashankar जी उसी परिवार से है और आज आज भी उनके देवी देवता गांव बाहों में अलग है जिनमें से आडा गेला के बालाजी कोटा-लालसोट मेगा हाई वे पर हे पास मे ही डुडिया गोत्र के मीणो का गांव लबान इसी मेगा हाइवे मैणावत कुल देवी बृहृमाणी माता है और वृक्ष आशापाला है। हाड़ोती में मेहनावत/मणावत गोत्र के केवल दो गांव ही है___कोटाखुर्द और ककरावदा। गाँव-कांकरेट(1100) तह० बसेड़ी और गाँव -सोनीपुर(1200) तह० जिला धोलपुर में भी मैनावत इसी तरह मेहनावत गाँव --सुनबई तह०विजयपुर जिला श्योपुर और उज्जेन मध्यप्रदेश मे भी है ।यह आलेख जमना शंकर मेहनावत कोटा खुर्द जी और किशन सिंह मैनावत कांकरेट(बाड़ी) के सहयोग से तैयार कर पाए है करोल,धोलपुर,कोटा.बूंदी,बारां ओर मध्यप्रदेश के बन्धु सहयोग करे इस गोत्र के गाँव बताये उन गाँवो के बसने उजड़ने की घटनाये बताये.
सौजन्य - पी. एन. बैफलावत
सौजन्य - पी. एन. बैफलावत
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