मीणा इतिहास के झरोखे से
*तत्कालीन बीकानेर स्टेट में जयपुर राज्य मीणा सुधार समिति का पहला ऐतिहासिक मीणा सम्मेलन*
जयपुर स्टेट में अप्रैल 1944 में नीमकाथाना के ऐतिहासिक मीणा सम्मेलन में जयपुर राज्य मीणा सुधार समिति की स्थापना की गई थी । अपने स्थापना से ही समिति ने क्रांतिकारी कार्य करने शुरू कर दिए थे । प्रारम्भ में समिति का कार्यक्षेत्र तत्कालीन जयपुर स्टेट ही था लेकिन धीरे धीरे इसकी स्वीकार्यता बढ़ी तो कार्यक्षेत्र भी बढ़ता गया । इसके कार्यक्षेत्र को बढ़ाते हुए तत्कालीन बीकानेर स्टेट में 14 नवम्बर 1948 को ऐतिहासिक मीणा संम्मेलन जयपुर राज्य मीणा सुधार समिति के बैनर तले हुवा । इस समय जहाँ देशी रियासते एक दूसरे में विलय हो रही थी वही बीकानेर रियासत अभी भी बनी हुई थी और वही निरंकुशता का शासन चल रहा था ।
अक्टूबर 1948 ई को रतननगर में चोरी हो गई । पुलिस को चोरी का कोई सुराग नही लगा तो बीकानेर स्टेट के तत्कालीन एस पी प.नित्यानन्द ने यहां के मीणो को थाने में बुलाया जिनमे एक का नाम रामदेव मीणा व दूसरे केशा मीणा थे इनको एस पी साहब ने चोरियों का पता लगाने के लिए कहा तो इन दोनों मीणो ने साफ मना कर दिया क्यो की नीमकाथाना सम्मेलन के बाद मीणो ने चौकीदारी प्रथा को त्याग दिया था ओर सुधार समिति का पहला काम भी चौकीदारी प्रथा को छुड़वाना ही था इसलिए सुधार समिति का संदेश चारो ओर फैल गया था जिससे प्रभावित होकर चौकीदारी करने वाले सभी मीणो ने चौकीदारी प्रथा को छोड़ दिया था ।
रतननगर के मीणाओ ने भी चौकीदारी त्याग दी थी इसलिए रामदेव व केशा मीणा ने पुलिस की मदद करने के लिए साफ मना कर दिया इस पर एस पी साहब भड़क गए और दोनों मीणो की जमकर पिटाई कर दी उनको अधमरा करके पटक दिया , शाम को दोनो अपने घर गए तो वहां उनके बड़े भाई गणपतराम जूणदिया को सारी बात बताई वे उसी समय किसी का ऊंट भाड़े पर लेकर *सुधार समिति के अध्यक्ष गणपतराम बगराणिया से मिलने नरहड़ आये लेकिन इस समय शेखावाटी में सुधार समिति का व्यापक आंदोलन चल रहा था इसी काम से गणपतराम बगराणिया जयपुर* थे । बिना कोई समय गवाएं रतननगर के मीणा सरदार गणपतराम जूणदिया जयपुर गए और वहां सुधार समिति के नेताओ से मिले । धाबाई के खुरे पर स्थित सुधार समिति के कार्यालय में एक सम्मेलन पर चर्चा की गई । सब कुछ तय करके सुधार समिति ने सम्मेलन के एक पेज का बुलेटिन छपवाकर गणपतराम जूणदिया को दे दिया और कहा कि चलते जाना और बुलेटिन बांटते जाना । सुधार समिति का यह मानव मुक्त बुलेटिन न 31 का था जिसके अनुसार *14 नवम्बर 1948 ई को सम्मेलन रतननगर ठेलासर में मीना नेता सुलतानराम सीरा की अध्यक्षता में हुवा , उद्धघाटन अडिसाल सिंह छापोला ने किया इस सम्मेलन में जयपुर राज्य मीणा सुधार समिति के अध्यक्ष गणपतराम बगराणिया , प्रधामंत्री राजेन्द्र कुमार अजेय , लक्ष्मीनारायण झरवाल , भगतराम झरवाल , बद्रीप्रसाद कागोत , भगुताराम बुनस , दुल्हाराम छापोला , हरसहाय जेफ* को आमंत्रित किया गया था ।।
14 नवम्बर को सुबह 10 बजे चांदगोठियो की धर्मशाला से विशाल जुलूस दो लम्बी कतारों के साथ निकाला गया सबसे आगे दो उंटगाड़ो में सुधार समिति के नेताओ को बिठाया गया था और *दोनों ऊँटो पर जो समानान्तर चल रहे थे उन पर रामदेव मीणा व केशा मीणा जिनकी पुलिस ने पिटाई की थी को बिठाया गया* था । हाथो में कांग्रेस के झंडे को लेकर पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हूए जुलूस आगे बढ़ रहा था । बस स्टैंड पर बड़ी सभा हुई जिसमें सभी नेताओं के जोशीले भाषण हुए व बीकानेर स्टेट की पुलिस की भर्त्सना की गई ।
दूसरे दिन 15 नवम्बर को फिर सभा करके प्रस्ताव पारित किए गए और *राजेन्द्र कुमार अजेय ओर लक्ष्मीनारायण झरवाल को बीकानेर भेजा गया वो प्रस्ताव स्टेट के आई जी तक पहुंचाए गए* । यहां रतननगर में सुधार समिति की शाखा खोली गई लोगो ने चोरी , चौकीदारी , शराब ,मांस जैसी बुराइयों को छोड़कर शिक्षा की ओर बढ़ने का संकल्प लिया ।
इस सम्मेलन के *स्वागताध्यक्ष गणपतराम जूणदिया , कानाराम जूणदिया रतननगर , मुकुन्द राम जेफ रामगढ़ , आदूराम बागड़ी खासोली , मिरजाराम पबड़ी महनसर व स्वागतमन्त्री रामदेवाराम जूणदिया , केशर राम जूणदिया , धोकलराम जेफ रामगढ़ , हनुमानराम पबड़ी महनसर , बिरजाराम पबड़ी महनसर थे* ।
संकलन :- रामसिंह बगराणिया नरहड़
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