गत एक हजार साल में राजस्थान के मीणा आदिवासियों के वैभव और विक्रम को, जल जंगल जमीन के धर्म को, राग और रंगो को, रूप और रास को, न जाने किसकी नजर लग गई है । फिर भी यह महान जाति बड़ी प्रसन्न, उदार और अलमस्त सहृदयरही है, उनके तन पर गोदनो की सुन्दरता, पक्षी जानवर व पेड़ों में देव आस्था, मेलों का लोक रंग, उनके कंठ में गीत का अमृत और पैरों में नृत्य का सम्मोहन रचा हुआ है ! प्राचीन काल से ही लोकगीत मीणा समाज मेँ जीवन का एक अभिन्न अंग रहे है चाहे मांगलिक कार्य हो या उत्सव,देवी-देवताओं को मनाने के लिए कोई पूजा हो या किसी संस्कार,मेले या दैनिक कार्य करने का समय वह अपने मनोभावों की अभिव्यक्ति लोक गीतों के रूप में करते है ये लोक जागृति का सफल माध्यम भी है । इन लोकगीतों ने ही मीणा समुदाय की प्राचीन परम्पराओं,संस्कृति और इतिहास को अभी तक संजोए रखा है। पुरुषवादी सोच और सामाजिक बेड़ियों से संघर्ष के बावजूद इसमें महिलाओ का योगदान महत्वपूर्ण रहा है |प्रसिद्द गायका नानगी गुजरात में लारी खेंचती थी पर अपनी संस्कृति में दिल में संजोये रखती थी उनके बारे में एक गीत प्रसिद्द है :-
''दन म दो बार चाय बणावे,घाले छ चीणी |
750 मीणा में एकली रह छ नानगी मिणी ||''
इसी प्रकार श्याणी ने तो अपनी गायकी के शोक में पति दुवारा छोड़ देने की भी प्रवाह नहीं की और गायक मांगी लाल के नाते बैठ गायन करते रही वो बड़े बड़े गीत दंगलो में हिस्सा लेती थी एकेली महिला पुरुषो के बिच गाती थी | आज भी सुड्डा पद दंगल के माध्यम से कई महिला गायिका है जो अपनी बुलंद आवाज से बड़े बड़े दंगलो में लाखो लोगो को सम्भोधित करती है और अपनी गायकी से मन्त्रमुग्द करती है | आपका उनसे परिचय कराने जा रहे है कुछ पुराने प्रसिद्द गायिका कलाकारों से जिनका इस संस्कृति को बचाए रखने में बहुत बड़ा योगदान रहा है | आओ उनको नमन करे
1- श्रीमती नानगी मीना गाँव-चोरवाडा तहसीलबस्सी जयपुर
2-'' श्याणी मीना पत्नी श्री मांगी लालमीना गाँव- सिदडा तहसील निवाई टोंक
3-लाली मीणा 4-लखन बाई 5-विमला देवी 6-कमली मीणा 7-उर्मिला मीणा 8-अनीता मीणा 9-रामकन्या 10 -भवानी मीणा 11-गीता देवी 12-सुमन देवी 13-सुमन मीणा 14-हेमा मीणा 15-प्रेम देवी 16- रामसुरे देवी आदि इनके बारे अधिक जानकारी हो तो अवश्य अवगत करावे |
सौजन्य -पी एन बैफलावत
''दन म दो बार चाय बणावे,घाले छ चीणी |
750 मीणा में एकली रह छ नानगी मिणी ||''
इसी प्रकार श्याणी ने तो अपनी गायकी के शोक में पति दुवारा छोड़ देने की भी प्रवाह नहीं की और गायक मांगी लाल के नाते बैठ गायन करते रही वो बड़े बड़े गीत दंगलो में हिस्सा लेती थी एकेली महिला पुरुषो के बिच गाती थी | आज भी सुड्डा पद दंगल के माध्यम से कई महिला गायिका है जो अपनी बुलंद आवाज से बड़े बड़े दंगलो में लाखो लोगो को सम्भोधित करती है और अपनी गायकी से मन्त्रमुग्द करती है | आपका उनसे परिचय कराने जा रहे है कुछ पुराने प्रसिद्द गायिका कलाकारों से जिनका इस संस्कृति को बचाए रखने में बहुत बड़ा योगदान रहा है | आओ उनको नमन करे
1- श्रीमती नानगी मीना गाँव-चोरवाडा तहसीलबस्सी जयपुर
2-'' श्याणी मीना पत्नी श्री मांगी लालमीना गाँव- सिदडा तहसील निवाई टोंक
3-लाली मीणा 4-लखन बाई 5-विमला देवी 6-कमली मीणा 7-उर्मिला मीणा 8-अनीता मीणा 9-रामकन्या 10 -भवानी मीणा 11-गीता देवी 12-सुमन देवी 13-सुमन मीणा 14-हेमा मीणा 15-प्रेम देवी 16- रामसुरे देवी आदि इनके बारे अधिक जानकारी हो तो अवश्य अवगत करावे |
सौजन्य -पी एन बैफलावत
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