आखिर क्यों आदिवसियों का अलग धर्म खत्‍म कर दिया?


भारत देश की जनगणना केन्‍द्र सरकार द्वारा प्रत्‍येक 10 वर्ष के अन्‍तराल पर सम्‍पन्‍न कराई जाती है। जनगणना में प्रत्येक घर का सारा ब्यौरा होता है।

भारत की जनगणना की शुरूआत अंग्रेजों ने 1871-72 में की थी, तब से लेकर आज तक प्रत्‍येक 10 वर्ष में यह जनगणना करायी जाती है।

जनगणना के आंकड़ो के हिसाब से 1871 से लेकर 1941 तक की जनगणना में आदिवासियों को अन्‍य धमों से अलग धर्म में गिना गया है, जिसे Aborgines, Aborigional, Animist, Triabal Religion, Tribes आदि कहा गया है आदिवासियों की गणना अलग ग्रुप में की गई। लेकीन 1951 की जनगणना से आदिवासियों को Shedule Tribe बना कर अलग गिनती करना बन्‍द कर दिया गया।

सभी साथी ध्यान दे बहुत गंभीर विषय है 2021 की जनगणना मे आदिवासी धर्म लिखने पर विचार किया जाना चाहिए।

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