आदिवासी मीणाओं/मीनाओं की महिला कर्मठ एवं मेहनती होती हैं। जिसका अंदाजा आप इस तस्वीर से लगा सकते हैं। इस महिला ने अपने सिर पर दो बर्तन जो नीचे वाला है उसे "चरुआ" कहते हैं, जो उसके ऊपर रखा है उसे "चरी" कहते हैं। महिला ने अपने सिर पर इन दोनों बर्तनों को सिर पर चुभने और संतुलन बनाने के लिए एक "एंडी" लगायी हुई है। जो कि हाथ से गोलाई में बनाई जाती हैं। इन दोनों में पानी का भार का आप अंदाजा लगा कर मुझे कमेंट में जरूर बताएं। इसके साथ-साथ दोनों हाथों में पानी से भरी बाल्टी दिख रही होंगी आपको। इस महिला ने अपने पैरों से चलते हुए इन बर्तनों में भरे पानी को बिना "झिलकाये" (फैलाये) कुआँ से घर तक लेकर आती हैं। ये सब इतना मामूली काम नहीं हैं। इस महिला ने अपने लहँगे(शरीर के निचले हिस्से में पहना जाना वस्त्र जो कि बहुत बड़ा होता है उसको किस प्रकार लपेटा हुआ है। जिससे वो भीगे ना जाए।
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